राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए भेजे गए निमंत्रण के साथ संकल्प नाम से बुकलेट भी दी गई है. इसमें राम मंदिर के लिए संघर्ष में संतों और लोगों की तस्वीर और जानकारी दी गई है.
अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन (Ram Mandir Udghatan) और रामलला के प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) समारोह के लिए प्रमुख लोगों को भेजा गया निमंत्रण पत्र सामने आया है.
इसमें रामलला और भव्य राम मंदिर की तस्वीर बनी है. निमंत्रण पत्र के साथ संकल्प नाम से एक बुकलेट भी भेजी गई है. बुकलेट में 1528 से 1984 के दौरान राम मंदिर के लिए संघर्ष करने वाले संतों और अदालती कार्रवाई में शामिल लोगों की तस्वीर और जानकारी दी गई है.
बुकलेट में देवरहा बाबा की तस्वीर भी छपी है. ये वही बाबा हैं, जिन्होंने 33 साल पहले राम मंदिर के निर्माण की भविष्यवाणी की थी और कहा था कि मंदिर सभी की सहमति से बनेगा.
बुकलेट में लिखा है, 'रामानुज परंपरा के वाहक, दिव्य एवं उच्च आध्यात्मिक शक्तियों से ओतप्रोत पूज्य देवरहा बाबा, सन 1989 के प्रयाग महाकुम्भ के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित संत सम्मेलन व धर्म संसद में पधारे थे.
देवरहा बाबा एक सिद्ध महापुरुष और संत थे. वह कितने माने जाने वाले संत थे, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि बड़े-बड़े राजनेता देवरहा बाबा से आशीर्वाद लेने के लिए आते थे.
देवरहा बाबा उत्तर प्रदेश के देवरिया से थे. उन्हें लेकर कहा जाता है कि वह सैकड़ों साल जिए. हालांकि, वह कितने साल जीवित रहे इसको लेकर अलग-अलग बातें हैं. कुछ लोग कहते हैं कि देवरहा बाबा 900 साल तक जीवित रहे तो कुछ कहते हैं कि वह 250 साल जिए और कुछ लोगों का मानना है कि वह 500 साल तक जीवित रहे.