28 साल की इमान अल-मसरी ने बताया कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की तलाश में वह पहले जबालिया शरणार्थी कैंप तक करीब पांच किलोमीटर पैदल चलीं. वह दीर अल-बलाह तक जाना चाहती थीं. वह छह महीने की गर्भवती थीं.
वह पैदल चलते-चलते थक गईं थीं. उन्हें अभी काफी दूर तक जाना था. ज्यादा पैदल चलने की वजह से मेरी हालत खराब हो रही थी और मेरी गर्भावस्था भी प्रभावित हुई. बाद में वह अस्पताल पहुंचीं.