Rajeev Juneja Success Story: आज भारत में छोटे कम्पनियों यानी की स्टार्ट अप के बात करे तो इस मामले में भारत विश्व में तीसरा स्थान रखता है लेकिन 1991 के पहले ऐसा भी था की कम्पनियों के नाम पर सिर्फ भारत सरकार के उपक्रम ही ज्यादा थे किसी छोटे व्यक्ति के लिए बिज़नस को बडे स्तर पर ले जाना आसान नहीं था क्योंकि भारत के पास न तो उतनी पूंजी थी और न ही उतने संसाधन जिससे की छोटे बिज़नस को बढावा दिया जा सके और भारत सरकार की नीतिया भी समाज कल्याण की थी |
आज भारत में मेडिकल और हेल्थ केयर प्रोडक्ट्स की बहोत सारी कम्पनिया है उन कम्पनियों में मैनकाइंड फार्म का नाम बहोत बड़ा है ये कम्पनी भारत में मेडिकल प्रोडक्टस के मामले चौथी सबसे बड़ी कम्पनी है आज हम इस कम्पनी के उत्पति और इसके मालिक जुनेजा ब्रदर्स में से एक राजीव जुनेजा के बारे में बात करेंगे और जानेगें की कैसे स्टार्टअप के स्तर से शुरुआत हुई कंपनी आज भारत के फार्म सेटिकल उद्योग की पहचान है |
मैनकाइंड कम्पनी के बारें में: Rajeev Juneja Success Story
Rajeev Juneja Success Story: आज भारत की सबसे बड़ी दवा निर्माता कम्पनियों में से एक मैनकाइंड फार्मा की शुरुआत वर्ष 1995 में राजीव जुनेजा और उनके बडे भाई रमेश जुनेजा ने की थी | शुरुआत में यह कम्पनी केवल जेनेरिक दवाओ का निर्माण करके कम्पनी ने उस समय लगभग 1.05 billion की रेवेन्यु अर्जित की थी | इनका होम टाउन उत्तर प्रदेश का मेरठ शहर है, आज यह कम्पनी अपने दवाओ और प्रोडक्ट्स का उत्पादन भारत के बाहर लगभग 100 से अधिक देशों में कर रही है !
आज यह कम्पनी जेनेरिक दवाओ के आलावा हेल्थ केयर प्रोडक्ट्स जैसे की कंडोम और प्रेगनेंसी टेस्ट किट्स जैसे और भी उत्पादों का उत्पादन करती है, कम्पनी के सारे विदेशी मामले की देखरेख जुनेजा परिवार के ही एक सदस्य और rajeev जुनेजा के भतीजे अर्जुन जुनेजा करते है, आज के समय इस कम्पनी की कुल नेट वर्थ लगभग 7 billion डॉलर की है, अगर कम्पनी में निवेश करने वालो की बात करें तो इसमें प्राइवेट इक्विटी फर्म कैपिटल इंटरनेशनल और chrys कैपिटल मुख्य निवेश कर्ता है |
कम्पनी की शुरुआत कैसे हुई ? Rajeev Juneja Success Story
Rajeev Juneja Success Story: भारत की इस बिलिनिअर कम्पनी की शुरुआत rajeev जुनेजा के बडे भाई रमेश जुनेजा ने की थी इस जो इस कम्पनी के मालिक भी थी और राजीव इस कम्पनी के सीईओ है. वर्ष 1974 में रमेश C. जुनेजा KEE फार्मा कम्पनी में काम करने के उद्देश्य से जुड़े थे जिसके बाद 1986 के आस – पास रमेश ल्युविन फार्मा से जुड़ गये और इसके आठ साल बाद 1994 में मैनकाइंड फार्मा की नीव डाली थी, दोनों भाइयों ने मिलकर 50 लाख रूपये की पूंजी और 25 मेडिकल प्रतिनिथियों के साथ इस कम्पनी की शुरुआत की थी | आज यह कम्पनी भारत और विश्व में फार्मा के क्षेत्र में एक बड़ा नाम रखती है |
यह कम्पनी अब हेल्थ केयर प्रोडक्ट्स का ज्यादा उत्पादन करती है जो कम्पनी के ग्रोथ का बड़ा कारण है और यह दिमाग राजीव जुनेजा का ही था, हम आपको बतादें की राजीव जयादा पढाई नहीं की है फिर भी उनके दिमाग ने इस कम्पनी को लगातार प्रगति पर ही रखा है |
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