Citizenship Amendment Act notified: मोदी सरकार द्वारा नागरिकता संसोधन कानून को लागु कर दिया गया है,जिसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से जानकारी दि | यह कानून दोनों सदनों में पास होने तथा महामहिम राष्ट्रपति की अनुमति मिलने के बाद से पुरे 51 महीने बाद लागू हुआ है |
नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को संसद द्वारा अनुमति पहले से ही मिल गयी थी लेकिन देश में भडके दंगे और राजनीतिक लाभ के लिए इसमें इतनी देरी की गयी |
चुकी नागरिकता संसोधन विधेयक (CAA) अब पुरे देश में लागू हो गया है तो इसके बाद नागरिको की प्रतिक्रिया देखने लायक होगी क्योकि पिछली बार जब इस कानून को संसद द्वारा पारित कराया गया था तब देश के विभिन्न हिस्सो में काफी बडे स्तर पर कुछ विशेष समुदाय द्वारा दंगे देखने को मिले थे |
इस नागरिकता संसोधन विधेयक को लोकसभा ने 9 दिसम्बर 2019 को पारित किया तथा इसके 2 दिन बाद यानि की 11 दिसम्बर2019 को इस विधेयक को राज्य सभा ने भी पारित कर दिया जिसके बाद इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति भी मिल गयी |
क्या है नागरिकता संसोधन कानून : Citizenship Amendment Act notified
Citizenship Amendment Act notified: इस नागरिकता संसोधन कानून (CAA) में ये प्रावधान है कि हमारे पडोसी देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आये गैर मुस्लिम यानि कि हिन्दू, सिख,बौद्ध,जैन,पारसी और ईसाईं अवैध प्रवासियों को नागरिकता के लिए पात्र बनाने के लिए नागरिकता अधिनियम 1955 में संसोधन किया गया है !
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इस विधेयक से देशियकरण द्वारा नागरिकता का प्रावधान किया गया है | आवेदक को पिछले 12 महीनो से और पिछले 14 साल में से 11 साल भारत में रहना चाहिए लेकीन वह व्यक्ति यदि उपरोक्त 6 धर्मो और तीन देशों से है तो उस व्यक्ति को 11 वर्ष की जगह 6 वर्ष तक का समय है | इस कानून में यह भी प्रावधान है कि यदि कीसी नियम का उल्लघन होता है तो OCI कार्ड धारको का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है |
नागरिकता के लिए आवेदन करने के नियम
Citizenship Amendment Act notified: यदि कोई व्यक्ति उपरोक्त कंडीशन को full फिल करता है तो वो भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट www.indiancityzenship.nic.in पर जाकर नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है |
क्या कहता है यह कानून : Citizenship Amendment Act notified
Citizenship Amendment Act notified: नागरिकता संसोधन अधिनियम 2019, उपरोक्त 3 देशों से आये गैर मुस्लिम जो धार्मिक रूप से प्रताड़ित होकर भारत में शरणार्थी बन कर रह रहे है को नागरिकता देने का प्रावधान करता है |
यहाँ यह वार स्पष्ट रूप से साफ होनी चाहिए की यह कानून केवल नागरिकता देने की बात करता है न कि किसी की नागरिकता छिनने की बात करता है , अगर कोई भारत का नागरिक है और वह चाहे किसी भी धर्म का हो उसकी नागरिकता को कोई भी समाप्त नहीं कर सकता | सरकार इस कानून के लागु करके पूरी तरह से राजनितिक लाभ भी लेना चाहती है, क्योकि इसके 4 साल तक न लागू करने का कोई और कारण नहीं बन रहा है |
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