BHARAT RATNA: केंद्र सरकार द्वारा जननायक कर्पूरी ठाकुर और पूर्व उपप्रधान मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद, सरकार ने तीन और हस्तियों को भारत रत्न देने की घोषणा की है- जिनमें पूर्व प्रधान मंत्री और किसानों के मसीहा तथा लोकदल नामक राजनितिक दल के संस्थापक चौधरी चरण सिंह और भारत के 9 वें प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव तथा भारत में हरित क्रांति के जनक एम. एस. स्वामीनाथन सहित तीन और लोगो को भारत रत्न दिया जायेगा, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया पर इस बात की घोषणा की तथा भारत के इन वीर सपूतो को भी याद किया आईये इन तीन महान हस्तियों के बारें में विस्तार से जानते हैं |
BHARAT RATNA: कर्पूरी ठाकुर और लाल कृष्ण आडवाणी के बाद इन तीन और हस्तियों को मिला
1. किसानों के मसीहा कहें जातें हैं चौधरी चरण सिंह : BHARAT RATNA 2024
भारत के 5 वें प्रधानमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसम्बर 1902 को गुलाम भारत के गाज़ियाबाद में एक जाट[परिवार में हुआ था,इन्होने उच्च शिक्षा के रूप में आगरा विश्वविद्यालय से क़ानूनी पढाई पूरी की और फिर अपने गृह नगर गाजियाबाद में आकर वकालत की शुरुआत की इन्होने राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी के साथ मिलकर भारत का कई स्वतंत्रता संग्रामों में भाग लिया और कई बार जेल भी गए | ये भारत के प्रधान मंत्री बनने से पहले उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री भी रहे चुके थे, वे भारत के गृहमंत्री के साथ साथ वित्त मंत्ती और उप प्रधानमंत्री के पद पर भी आसीन रहे थे |
वे किसान नेता माने जाते थे, वर्ष 1952 उत्तर प्रदेश जमीदारी प्रथा के उन्मूलन कानून में उनका बहोत बड़ा योगदान रहा था तथा उत्तर प्रदेश में लेखपाल के पद का भी श्रृजन किया,3अप्रैल 1967को वे उत्तर प्रदेश के पहली बार मुख्यमंत्री तथा 28 जुलाई 1979 को भारत के प्रधानमंत्री पदको गौरवान्वित किया | इनकी मृत्यु 28 मई 1987 को हुई थी, भारत देश हमेशा उनके द्वारा किये गये सुधारों के लिए कृतज्ञ रहेगा | उनके जन्म दिवस 23 दिसम्बर को भारत में किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है |
2. आर्थिक सुधारों के पुरोधा माने जाते है पी.वी.नरसिम्हा राव
भारत के 9 वें प्रधानमंत्री पामुलपर्ति वेंकट राव का जन्म 28जून 1921 को गुलाम भारत के हैदराबाद रियासत तथा वर्तमान के तेलंगाना राज्य में हुआ था, जब वें 1991 में प्रधानमंत्री बने तो देश आर्थिक तंगी से गुजर रहा था और उस समय उन्होंने उस समय के वित्त मंत्री और बाद में भारत के प्रधानमंत्री बने डॉ0 मनमोहन सिंह के साथ मिलकर कई आर्थिक सुधार करते हुए देश को आर्थिक संकट से उबारने में सफलता हासिल की,
इनके समय में ही LPG कार्यक्रम को भारत में introduce किया गया | एक प्रधानमंत्री के रूप में उनके समय में कई ऐतिहासिक घटनाये घटी और फैसले लिए गये जो उनके कार्यकाल को अविस्मरणीय बनाती है | इनकी मृत्यु 23 दिसम्बर 2004को हुई थी |
3. स्वामीनाथन जी ने भारत को अनाज के मामले में आत्मनिर्भर किया
1960 के दशक में जब भारत भुखमरी के कारण दुनिया के सामने हाथ फैलाने के लिए मजबूर था उस समय स्वामीनाथन जी ने उन्नतशील बीजों और कीटनाशको के प्रयोग के माध्यम से गेंहू और धान के पैदावार को क्रन्तिकारी रूप से बढाया और इससे न सिर्फ देशवासीयों के पेट को भरा जा सका बल्कि भारत के पास अधिशेष के रूप में अनाजों का भण्डारण हो सका, आज स्वामीनाथन जी को भारत में हरित क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है |
भारत में हरित क्रांति की शुरुआत वर्ष 1966-1967 को माना जाता है हरित क्रांति का सबसे ज्यादा प्रभाव गेंहू की फसल पर देखा गया है| स्वामी जी का देहावसान पिछले वर्ष 28 सितम्बर को हुआ था | उनके द्वारा किये गये कार्य के लिए देश उनका सदैव ऋणी रहेगा,उनको भारत रत्न दिया जाना सही माईने में उनके द्वारा किये गये कार्यो को चरितार्थ करता हैं | |
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