UCC in Uttarakhand: उत्तराखण्ड विधानसभा में पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने सामान सिविल संहिता को पारित करके नया इतिहास रच दिया है, यह आजाद भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने अपने विधानसभा में इस बिल को पारित कराया हो | कैबिनेट मन्त्रियों की बैठक में इसे स्वीकृति मिलने के बाद ही यह लगभग तय हो गया था कि यह कानून उत्तराखण्ड में लागू हो जायेगा, विधानसभा में रखे जाने पर इस बिल को ध्वनी मत से पारित कर दिया गया, विपक्ष इस बात पर अड़ा रहा कि इस बील को सबसे पहले प्रवर समिति को भेजा जाए पर विधानसभा ने इसे भी ध्वनी मत से ही ख़ारिज कर दिया |
दरअसल 70 सीटों वाली उत्तराखण्ड विधान सभा में भारतीय जनता पार्टी 47 सीटों पर जीत के साथ सरकार बनाई है | इस बिल के पारित होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मौके कहा की यह बिल उत्तराखण्ड में शांति और समृधि लायेगा तथा भेदभाव और कुरीतियाँ ख़त्म होंगी |
विधानसभा में इस बिल के पारित होने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जायेगा चुकी यह समवर्ती सूची का विषय है इसलिए इसके बाद इसे राज्यपाल के जरिये राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा, राष्ट्रपति भवन से स्वीकृति मिलने के बाद यह बिल, कानून बन जायेगा |
उत्तराखण्ड में क्या होगा नया नियम: UCC in Uttarakhand
इस बिल के कानून बन जाने के बाद सभी धर्मो के पर्सनल लॉ, कानून के हिसाब से एक होंगे और उनके तलाक, गुजारा भत्ता, सम्पत्ति वितरण, विरासत के नियम एक जैसे होंगे | उत्तराखंड में इस नियम के दायरे से अनुसूचित जनजातियों को बाहर रखा गया हैं |
क्या है सामान सिविल संहिता? : UCC in Uttarakhand
भारतीय संविधान भाग चार और अनुच्छेद 44 में इसे भारत के निति निदेशक तत्व के अंतर्गत रखा गया है, इस अनुच्छेद के मूल भावना में सभी धर्मों और पन्थो के लोगो के लिए सामान नागरिक संहिता का होना है, यह किसी भी पंथ या जाति के पर्सनल लॉ के ऊपर होता हैं, यह सभी पंथ के लोगों के लिये विवाह, तलाक, भरण-पोषण, विरासत व बच्चा गोद लेने आदि में समान रूप से लागू होता है |